Chopta Hill Station | मिनी स्विट्जरलैंड कहलाता है उत्तराखंड का ‘चोपता हिल स्टेशन’,जानिए कारण

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हम अक्सर जब भी कहीं घूमने जाने का प्लान बनाते हैं तो बहुत सोचना पड़ता है कि किसी ऐसी जगह चले जहां परिवार के साथ जा सके। तो ऐसे ही एक जगह है उत्तराखंड जहां आप अपने परिवार के साथ जा सकते हैं बिना किसी हिचकिचाहट के।

जी हां क्योंकि उत्तराखंड एक ऐसी जगह है जहां पर रोमांचक स्थलों के साथ-साथ धार्मिक स्थल भी बहुत बड़ी मात्रा में मौजूद है। आखिर उत्तराखंड को देवभूमि भी तो कहते हैं तो भला हो कैसे ना।

हम अक्सर किसी ऐसे स्थान पर ही घूमने जाना चाहते हैं जहां पहाड़ हो नदियां हो पीले हो बरसो खुली वादी हो, पर्वत हो। इन सब के बारे में सोचो तो सबसे पहला दिमाग में ख्याल उत्तराखंड का ही आता है। 

उत्तराखंड में हमें हमारी हर मनचाही चीज मिलती है जिन्हें शांति से नदियों को देखना पसंद है। नदिया देखें जिन्हें पसंद है वो झरने का लुफ़्त उठा सकते हैं साथ ही जिन्हें पहाड़ पसंद है वो पहाड़ों पर कैंप बना कर भी रह सकते हैं। उत्तराखंड में चाहे अपने परिवार के साथ जाए दोस्तों के साथ जाए अपने पार्टनर के साथ जाएं।

अकेले जाए हर हिसाब से उत्तराखंड बिल्कुल परफेक्ट है। वहीं कई नई- नई शादी के जोड़े भी यहां अपने हनीमून के लिए मनाली नैनीताल जाते हैं। धार्मिक स्थलों के बारे में तो कहना ही क्या चारों धाम यही मौजूद है केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, पांच प्रयाग भी यहीं स्थित है। सब दुनिया का सबसे बड़ा शिव मंदिर भी यही है।

चोपता, उत्तराखंड का छोटा स्विट्जरलैंड

कहां स्थित है चोपता?

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चोपता, तुंगनाथ तथा चंद्रशिला ट्रेक मार्ग पर स्थित है। यहां का ये चोपता-तुंगनाथ-चंद्रशिला ट्रेक बहुत ही लोकप्रिय है। तुंगनाथ मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है, जिसकी ऊंचाई 12,073 फीट है। रुद्रप्रयाग जिले में चोपता की समुद्र तल से ऊंचाई 9515 फीट है।

चोपता ऐसी जगह स्थित है जहां से आप हिमालय की नंदा देवी त्रिशूल तथा चौखंबा पर्वत श्रंखला के अद्भुत दर्शन कर सकते हैं इन तीनों चोटियों के इस जगह से अद्भुत दृश्य दिखते हैं। चोपता में दूर-दूर तक आपको मखमली हरे घास के मैदान दिखेंगे। यहां पर इन मखमली हरे-हरे घास के मैदान को बुग्याल कहते हैं।

चोपता हिल स्टेशन केवल रोमांचक ही नहीं बल्कि एडवेंचरस भी है। जी हां भारत का छोटा स्विट्ज़रलैंड कहे जाने वाले चोपता हिल स्टेशन में साहसिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है, जैसे ट्रैकिंग, कैंपिंग, स्नो स्कींइग, रॉक क्लाइंबिंग, हाइकिंग, माउंटेन साइकलिंग इत्यादि।

वहीं चोपता के आसपास ही कई और भी ऐसे लुभावने स्थान है जहां आप आसानी से जा सकते हैं। जैसे केदारनाथ, चंद्रशिला मंदिर, तुंगनाथ मंदिर, वन्य जीव अभ्यारण्य, तथा अत्रि मुनि जलप्रपात आदि।

इसके ट्रेक पर आपको नंदा देवी, केदारनाथ, और त्रिशूल पर्वत की चोटियां देखने को मिल सकती हैं। यदि आप यहां बसबारी का आनंद लेना चाहते हैं तो दिसंबर से मार्च के महीनों में आप यहां जा सकते हैं।

यहां घूमने का सही समय

यदि आप यहां जाना चाहते हैं तो मैं इसे जुलाई या फिर सितंबर से फरवरी के महीनों में जा सकते हैं क्योंकि इस दौरान यहां का वातावरण बहुत ही शुद्ध, शांत, तथा सुखमय होता है।

चोपता को मिनी स्वीटजरलैंड कहना कोई गलत बात नहीं होगी। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती को देखते ही मन बाग बाग हो जाता है। किसी विदेश के स्थान से कम नहीं है हमारे उत्तराखंड का चोपता हिल स्टेशन।

हिमालय पर्वत की तलहटी में स्थित इस मिनी स्विट्जरलैंड में कम से कम एक बार जाना तो बनता है। कम भीड़भाड़ वाले इस इलाके में कैंपिंग करने का एक अलग ही मजा है।

कितना एडवेंचरस होगा वो पल जब चारों और बर्फीले पहाड़ों से घिरे हुए मखमली घास के मैदान पर सौंधी सौंधी मिट्टी की खुशबू के बीच आग जला कर अपने हाथों को गर्माहट प्रदान करना।

यदि मुझसे कोई पूछेगा कि आप पूरी दुनिया में कहां और किस हिल स्टेशन जाना चाहती हैं, तो मेरा जवाब तो केवल एक ही होगा हमारे अपने उत्तराखंड के चोपता हिल स्टेशन। जी हां, जहां हम न केवल सुकून महसूस करते हैं, बल्कि एडवेंचरस लाइफ भी जीते हैं। 

जहां आसपास आपको अनेकों धार्मिक स्थलों के भी दर्शन होंगे। सच में उत्तराखंड राज्य की तो बात ही कुछ और है। वहां जाना कितनी सौभाग्य की बात होगी जहां केदारनाथ, बद्रीनाथ जैसे धाम है। जहां आप हरिद्वार की गंगा आरती का आनंद ले सकते हैं।

योग मंदिर कहे जाने वाले ऋषिकेश में आप योग भी कर सकते है। मसूरी,नैनीताल, तथा औली जैसे रोमांचक स्थल भी मौजूद हैं। क्या नहीं है उत्तराखंड में जो आप चाहते ना हों, यहां आपको आपकी सोच से भी अधिक मिलता है।

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