Tehri Dam

टिहरी बांध (Tehri Dam): एक्टिविटीज़, टूरिज्म, लोकेशन

उत्तराखंड का टिहरी बांध देश का सबसे ऊंचा बांध है। अपनी 260.5 मीटर की ऊंचाई से ये बांध ना सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश के ऐसे कई राज्य हैं जिन्हें रोशन कर रहा है।

आपको बता दें कि दिल्ली और यूपी के कई क्षेत्रों में इस बांध के जल का प्रयोग पेयजल और सिंचाई जल के रूप में किया जाता है। वही अगर सुरक्षा की दृष्टि से बात की जाए तो भी ये बांध काफी अहम माना जाता है।

यही नहीं अपनी ऐतिहासिक बनावट और मनोरंजक गतिविधियों के कारण ही ये बांध पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

इसके अलावा भी टिहरी बांध में कई ऐसी खासियतें है जो इसे विरला बनाती है। तो आइए जानते हैं इस बांध की खासियत:

Image source: euttaranchal
  • टिहरी बांध की ऊंचाई 260.5 मीटर की है जो इसे भारत का सबसे ऊंचा बांध बनाती है। यही कारण है कि दूर दूर से लोग इसे देखने आते हैं।

  • उत्तराखंड में स्थित टिहरी बांध को वर्ष 1972 में निर्माण की मंजूरी मिली थी और 1977- 78 का निर्माण शुरू हुआ। उसके बाद 29 अक्टूबर 2005 को टिहरी बांध की आखिरी सुरंग भी बंद की गई और झील बनानी शुरू की गई। फिर 2006 के जुलाई महीने में टिहरी बांध से विद्युत उत्पादन का कार्य शुरू हुआ।

  • दरअसल टिहरी जिला उच्च तीव्रता वाले भूकंप का क्षेत्र है। यही कारण है कि किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए टिहरी बांध को रॉकफिल बनाया गया। इसका मतलब है कि टिहरी बांध की दीवारों को पूरी तरह पत्थर और मिट्टी से भरकर बनाया गया है।

  • इस बांध की एक बड़ी उपलब्धि ये है कि ये दिल्ली और यूपी को पेयजल उपलब्ध कराता है। आपको बता दें कि फिलहाल इस बांध के द्वारा 1000 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।

    जबकि 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन कोटेश्वर बांध से होता है। यही नहीं टिहरी बांध से प्रतिदिन 2,70,000 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई के लिए उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

  • इस बांध की ये खासियत है कि अगर इस क्षेत्र में 8 रिक्टर स्केल का भूकंप भी आता है तो उसे भी टेहरी बांध आराम से झेल सकता है।

  •  वही आपको बता दें कि इस बांध की 3 इकाइयां हैं। पहली इकाई है 1000 मेगावॉट वाली टिहरी बांध इकाई। तो वहीं दूसरी है 400 मेगावाट वाली कोटेश्वर जल विद्युत परियोजना वाली इकाई और आखिर में है 1000 मेगावॉट टिहरी पंप स्टोरेज परियोजना इकाई जिसका निर्माण अभी भी जारी है।

टिहरी डैम में मनोरंजक गतिविधियाँ

खूबसूरत नजारों के अलावा टिहरी बांध पर्यटकों को टेहरी झील में कुछ रोमांच से भरे अनुभव भी प्रदान करता है। आपको बता दें कि यहां तरह तरह की मनोरंजक गतिविधियां होती रहती हैं।

टिहरी बांध की इस अद्भुत यात्रा में आप चाहे तो एडवेंचर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज के द्वारा अपनी ट्रिप को और भी रोमांचक बना सकते हैं।

इस जगह पर अक्सर घूमने फिरने आए लोग जेट स्कीइंग, वाटर ज़ोरबिंग, वाटर स्कीइंग और राफ्टिंग जैसी कई गतिविधियों को एंजॉय करते देखे जाते हैं। इसके अलावा और भी कुछ रोमांचक गतिविधियां है जो पर्यटकों को आकर्षक लगती हैं:

Image source: curlytales
Image source: curlytales
  • बैंडवेगन वोट सवारी

  • बनाना वोट सवारी

  • पैराग्लाइडिंग

  • जोर्बिंग

  • जेट स्पीड बोट सवारी

  • हॉटडॉग सवारी

  • नौका विहार
Image source: indiathrills

टिहरी बांध कैसे पहुंचें

यदि आप टिहरी बांध हवाई यात्रा के द्वारा पहुंचना चाहते हैं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टिहरी गढ़वाल के लिए सीधी हवाई कनेक्टिविटी उपलब्ध नहीं है।

इसलिए आपको निकटतम एयरपोर्ट जॉली ग्रांट हवाई अड्डा देहरादून में मिलेगा। जो टिहरी गढ़वाल से करीब 81 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके बाद हवाई अड्डे से आप टैक्सी या बस के द्वारा टिहरी डैम पहुंच सकते हैं।

 अगर आप ट्रेन के माध्यम से टिहरी डैम पहुंचना चाहते हैं तो यह एक सुविधाजनक मार्ग साबित हो सकता है। आपको बता दें टिहरी गढ़वाल से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है।

तो अगर आप ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पहुंच जाते हैं तो वहां से टिहरी डैम लगभग 79 किलोमीटर पर है। यहां से आप बस या टैक्सी के माध्यम से अपने गंतव्य स्थान तक पहुंच सकते हैं।

वहीं अगर आप सड़क मार्ग के द्वारा टिहरी डैम पहुंचने का सोच रहे हैं तो आपको बता दें की टिहरी गढ़वाल के लिए नियमित बस सेवाएं उपलब्ध है।

इसके अलावा बस और टैक्सी के रूप में देहरादून ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे शहरों से भी परिवहन की व्यवस्था है। अगर आप चाहें तो अपने निजी वाहन से यात्रा करके भी टिहरी डैम पहुंच सकते हैं।

टिहरी बांध खुलने का समय और प्रवेश शुल्क

अगर आप अपने परिवार या फिर दोस्तों के साथ टिहरी डैम घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आपको टिहरी डैम घूमने के समय की जानकारी होनी चाहिए।

दरअसल टिहरी बांध 24 घंटे खुला रहता है मगर बांध की यात्रा के लिए सुबह 9:00 बजे से शाम के 6:00 बजे तक का समय ही मान्य है। साथ ही अगर आप टिहरी बांध अच्छे से घूमना चाहते हैं तो 2 से 3 घंटे का समय जरूर निकालें।

वहीं अगर टिहरी डैम घूमने की टिकट की बात करें तो उसके लिए कोई एंट्री फीस नहीं है।

लेकिन अगर आप टिहरी झील में हो रही मनोरंजक गतिविधियों में शामिल होने की इच्छा जाहिर करते हैं तो आपको निश्चित ही कुछ शुल्क देना होगा।

टिहरी बांध के आसपास के पर्यटक स्थल

अगर आप अपनी पूरी फैमिली या दोस्तों के साथ टिहरी बांध घूमने की सोच रहे हैं तो आपको टेहरी गढ़वाल में टिहरी बांध के अलावा जो प्रसिद्ध जगह है उनके बारे में भी पता होना चाहिए।

ऐसे कई स्थल है जो पर्यटन के लिहाज से काफी लोकप्रिय हैं। आपको बता दें कि अगर आप भी टिहरी बांध की यात्रा पर जाने का सोच रहे हैं तो कुछ ऐसे स्थल है जो आपको ज़रूर देखने चाहिए। तो आइए जानते हैं कि वो कौन कौन से स्थल हैं:

  • देवप्रयाग

  • चंबा

  • मसूरी

  • सुरकंडा देवी मंदिर

  • धनोल्टी

  • खतलिंग ग्लेसियर

  • शोपिंग इन टिहरी गढ़वाल

  • कनातल

  • सेम मुखेम मंदिर

  • नरेंद्र नगर

तो अगर आप भी अपने परिवार या दोस्तों के साथ टिहरी बांध घूमना चाहते हैं तो उपर्युक्त जानकारियां आपके काफी काम आ सकती हैं। यही नहीं आप यहां आकर ऐसी तमाम रोमांचक गतिविधियों का लुफ्त उठा सकते हैं जो आमतौर पर अनुभव करने नहीं मिलती।

Featured image source:
indiathrills

Leave a Comment

Recent Posts

Follow Uttarakhand99