गंगा नदी, उत्तराखंड के गंगोत्री हिमनद से कुछ ही दूरी पर गौमुख नामक स्थान से निकलती हैं। भारत में समस्त नदियों में सबसे बड़ा नदी तंत्र, गंगा नदी तंत्र है। भारत में सबसे बड़ा जल ग्रहण क्षेत्र गंगा नदी का ही है।
गंगा नदी दो देशों से होकर प्रवाहित होती है, भारत और बांग्लादेश। गंगा नदी का निर्माण उत्तराखंड में दो नदियों की संयुक्त धाराओं के मिलने से होता है। ये धारायें भागीरथी नदी और अलकनंदा नदी हैं। भागीरथी नदी उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री हिमनद के निकट गोमुख नामक स्थान से निकलती है।
और अलकनंदा नदी सतोपंथ ग्लेशियर से निकलती है। ये नदियां हिमालय से निकली हैं इसलिए सदानीरा हैं। भागीरथी और अलकनंदा दोनों नदियां आगे बहकर के देवप्रयाग में जाकर एक दूसरे से संगम करके गंगा नदी का निर्माण करती हैं।
अलकनंदा नदी अलकनंदा नदी का निर्माण दो नदियों की संयुक्त धाराओं के मिलन से होता है, जिसे धौलीगंगा नदी और विष्णु गंगा नदी कहते हैं।धौली गंगा नदी और विष्णु गंगा नदी सतोपंथ हिमानी से निकलती है। ये दोनों नदियां विष्णुप्रयाग में आपस में जा करके मिलती हैं।
धौली गंगा नदी और विष्णु गंगा नदी विष्णुप्रयाग में ही अपने संगम से अलकनंदा नदी का निर्माण करती हैं। विष्णुप्रयाग से आगे बढ़कर अलकनंदा नदी कर्णप्रयाग में पिंडर नदी से मिलती है। इसके पश्चात मंदाकिनी नदी रुद्रप्रयाग में अलकनंदा नदी से आकर मिल जाती है। इससे आगे बढ़कर के अलकनंदा नदी और भागीरथी नदी का संगम देवप्रयाग में होता है। इन दोनों नदियों किस संगम के पश्चात इनकी संयुक्त धारा ही गंगा नदी कहलाती है।

गंगा नदी भारत में पांच राज्यों उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है। पूरे भारत में गंगा नदी की सबसे अधिक लंबाई उत्तर प्रदेश में है एवं सबसे कम लंबाई झारखंड राज्य में है। आपको बता दें कि सबसे पहले गंगा नदी हरिद्वार में पर्वतीय भाग से निकलकर मैदानी क्षेत्र में प्रवेश करती है।
पश्चिम बंगाल में गंगा नदी दो धाराओं में बंट जाती है- भागीरथी व हुगली नदी। इसकी एक धारा भागीरथी, बांग्लादेश में प्रवेश प्रवेश कर जाती है और दूसरी धारा हुगली नदी पश्चिम बंगाल में दक्षिण की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में जा कर के अपना जल गिराती है।पश्चिम बंगाल में गंगा नदी भागीरथी के नाम से भी जाने जाती हैं।
कोलकाता क्षेत्र हुगली नदी के तट पर ही स्थित है। छोटा नागपुर पठार के बीचो बीच भ्रंशघाटी में बहने वाली दामोदर नदी पूर्व दिशा की ओर प्रवाहित होते हुए हुगली नदी से जा मिलती है। गंगा नदी की मुख्यधारा भागीरथी, बांग्लादेश में पहुंचकर पद्मा नदी के नाम से विख्यात होती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रह्मपुत्र नदी से मिलने के पश्चात गंगा नदी और ब्रह्मपुत्र नदी के मिश्रित धारा ही पद्मा नदी कहलाती है।
आगे चलकर के पद्मा नदी से मेघना नदी या बराक नदी आ करके मिलती हैं। इन दोनों नदियों की मुख्यधारा ही मेघना नदी कहलाती है, यानि मेघना नदी ही बंगाल की खाड़ी में गिरती है। बराक नदी या मेघना नदी का उद्गम मणिपुर से होता है।
बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र नदी यमुना नदी के नाम से जानी जाती है, अर्थात पद्मा नदी और यमुना नदी की मुख्यधारा पद्मा नदी कहलाती है। गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी का डेल्टा विश्व का सबसे बड़ा डेल्टा है। इन दोनों नदियों से मिलकर बने डेल्टा को सुंदरवन का डेल्टा कहा जाता है।
सुंदरवन के डेल्टा पर सुंदरी नामक वृक्ष अधिक मात्रा में मौजूद होने के कारण इसे सुंदरवन का डेल्टा कहा जाता है। इस डेल्टा का विस्तार हुगली नदी से लेकर के मेघना नदी तक फैला हुआ है। सुंदरवन का डेल्टा मैंग्रोव वनों के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान पर मुख्य रूप से मैंग्रोव कैसुरीना और सुंदरी नाम के वृक्ष पाए जाते हैं।
मैंग्रोव वनों की वनस्पतियों की लकड़ियां अत्यधिक कठोर होती हैं एवं इनकी छाल नमकीन होती है, क्योंकि इन वनस्पतियों की जड़ें डेल्टा क्षेत्र में समुद्र के जल में डूबी होती है। बंगाल टाइगर सुंदरवन डेल्टा के मैंग्रोव वनों के क्षेत्र के अंतर्गत ही पाए जाते हैं।
भारत के पश्चिम बंगाल में मैंग्रोव वनों का क्षेत्रफल सबसे अधिक होने के कारण ये पहले स्थान पर है, उसके पश्चात दूसरे स्थान पर गुजरात और फिर तीसरे स्थान पर आंध्रप्रदेश, इसमें गोदावरी नदी एवं कृष्णा नदी के डेल्टा में मैंग्रोव वनों का क्षेत्रफल अधिक है।
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