Best Tourist Places to visit in Auli-औली में घमूने वाली जगहें

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Tourist Places to visit in Auli

भारत एक ऐसा देश जहां प्रत्येक राज्य की अपनी एक अद्भुत विशेषता है। उसी प्रकार भारत के उत्तर में स्थित उत्तराखंड राज्य देवताओं की भूमि है, जहां सर्वाधिक पर्यटन स्थल मौजूद हैं।

उत्तराखंड का हर क्षेत्र बेहद खूबसूरत और विशेष लोकप्रियता का प्रतीक है। हिमालय की गोद में स्थित उत्तराखंड में लाखों भारतीय व विदेशी पर्यटक साल भर में आते रहते हैं।

यूं तो उत्तराखंड में विभिन्न हिल स्टेशन हैं, लेकिन औली भारत के स्की रिसॉर्ट के रूप में एक लोकप्रिय शीतकालीन गंतव्य है। जो कि बर्फ से ढका एक वंडरलैंड है।

उत्तराखंड में मौजूद यह हिल स्टेशन भव्य ओक के पेड़ों और देवदार के जंगलों के बीच मौजूद है। औली का पर्यावरण के बीच का दृश्य बेहद खूबसूरत तथा आकर्षक प्रदत्त है।

आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से उत्तरखंड में स्थित औली के महत्वपूर्ण गंतव्य स्थान, उनकी लोकेशन, औली की खूबसूरती का अनुभव आदि विषय में बताने वाले हैं।

आइए सबसे पहले जान लेते हैं, औली में घूमने की जगह कौन-कौन सी हैं?

गोर्सन बुग्याल

गुरसो बुग्याल या गोर्सन बुग्याल औली में स्थित एक शानदार घास का मैदान है, जो कि औली से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

ओक और कोनिफर के जंगल से घिरा यह मैदान 3,056 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गर्मियों में यह एक शानदार हरा कालीन जैसा नजर आता है वहीं सर्दियों में यह बर्फ से ढकी भूमि में नजर आता है।

छत्रकुंड

औली से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित छत्रकुंड एक छोटी झील है। जो कि हरी भरी हरियाली से घिरी हुई बेहद आकर्षक रूप प्रदान करती है।

यह झील गुरसन बुग्याल से मात्र एक किमी की दूरी पर है। पर्यटकों को इस जगह का शांत तथा मंत्रमुग्ध वातावरण बेहद भाता है।

क्वानी बुग्याल

गुरसो बुग्याल से महज 13 किमी दूर स्थित क्वानी बुग्याल हरा भरा घास का मैदान है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है।

समुद्र तल से 3,380 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह घास का मैदान मनोरम दृश्य, ताजी हवाओं और बहुत सारे रोमांच के लिए पसंद किया जाता है।

सैलधर तपोवन

यह स्थान औली से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है। यह एक छोटा गांव है जो कि प्राकृतिक गर्म पानी के झरने तथा मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है।

यहां पर्यटकों द्वारा क्षेत्रीय पारम्परिक हस्तशिल्प का अन्वेषक किया जाता है। इसके साथ ही यहां स्थानीय निवासियों के बीच घर जैसा वातावरण प्राप्त होता है।

जोशीमठ

जोशीमठ या ज्योतिर्मठ भारत के उत्तराखण्ड राज्य के चमोली ज़िले में स्थित एक नगर है जहाँ हिन्दुओं की प्रसिद्ध ज्योतिष पीठ स्थित है।

यहाँ ८वीं सदी में धर्मसुधारक आदि शंकराचार्य को ज्ञान प्राप्त हुआ और बद्रीनाथ मंदिर तथा देश के विभिन्न कोनों में तीन और मठों की स्थापना से पहले यहीं उन्होंने प्रथम मठ की स्थापना की।

औली स्कीइंग, ट्रैकिंग, रोपवे

भारत में सबसे लोकप्रिय स्कीइंग स्थलों में से एक औली की ढलाने हैं। यहां स्की और स्नो बोर्डिंग स्कूल हैं। साथ ही यहां आसानी से उपकरण भी आसानी से मिल जाते हैं।

ट्रैकिंग की बात करें तो औली से कामत, माना पर्वत, दूनागिरी, नंदा देवी जैसी हिमालय की ऊंची चोटियों पर ट्रेकिंग की जाती है।

इसके साथ ही भारत में सबसे ऊंचे और लंबे रोपवे में से एक है जोशीमठ व गुरसन के बीच की केबल कार की सवारी। जिसका आनंद पर्यटक बेहद शानदार तरीके से उठाते हैं।

औली ट्रिप के लिए कितना पैसा खर्च होगा?

उत्तराखंड में स्थित हिल स्टेशन औली बेहद लोकप्रिय व प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। यहां ट्रैकिंग, स्कीइंग जैसे कई एडवेंचर गतिविधियां मौजूद हैं।

अगर हम पूरी औली ट्रिप की बात करें तो इसमें औली के सबसे प्रसिद्ध स्थलों को शामिल किया जाता है। कुछ ट्रैवलिंग वेबसाइट पर 20 हजार से 30 हजार रूपए तक के औली ट्रिप टूर पैकेज उपलब्ध हैं।

हालांकि यह पैकेज खर्च लोगों की संख्या, औली में घूमने के दिन, स्थलों की संख्या आदि के आधार पर कम या ज्यादा भी किए जा सकते हैं।

औली में स्कीइंग प्रशिक्षण

औली स्कीइंग के लिए जितना प्रसिद्ध है, उतना ही प्रसिद्ध यहां पर स्की करना सिखाया जाता है। यहां 7 दिनों की नॉन सर्टिफिकेट तथा 14 दिन की सर्टिफिकेट ट्रेनिंग दी जाती है।

स्की सीखने के लिए यहां शुक्ल देना पड़ता है, जो कि कम से कम 500 रुपए निर्धारित किए गए हैं।

स्कीइंग करने के लिए औली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है, यदि आप वास्तव में एक अच्छी जगह स्कीइंग करने की सोच रहे हैं तो औली आपके लिए सबसे बेस्ट है।

हम आपको औली में स्कीइंग करने का शुल्क बताने जा रहे हैं, जो कि इस प्रकार है –

वयस्कों के लिए – 475 रुपए शुल्क,

बच्चों के लिए – 250 रुपए शुल्क,स्कीइंग सिखाने के लिए 125-175 रुपए लिए जाते हैं।

7 दिन की नॉन सर्टिफिकेट स्की सीखने के लिए भारतीय पर्यटकों से 4,710 और विदेशी पर्यटकों से लगभग 5,890 रुपए शुल्क लिया जाता है।  वहीं 14 दिन की सर्टिफिकेट स्की सीखने के लिए भारतीयों से 9,440 रुपए शुल्क तथा विदेशी पर्यटकों से 11,800 रुपए शुल्क लिया जाता है।

कैसे पहुंच सकते हैं औली

हवाई यात्रा द्वारा – यदि आप हवाई यात्रा के दौरान औली तक पहुंचना चाहते हैं तो उत्तराखंड के देहरादून में स्थित जौली ग्रांट हवाई अड्डा औली का सबसे निकटतम हवाई अड्डा है।

जो कि औली से लगभग 286 किमी दूर स्थित है। आप एयरपोर्ट पर पहुंचकर औली तक के लिए कैब भी कर सकते हैं।

रेलमार्ग द्वारा – औली पहुंचने के लिए सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है। जो कि औली से लगभग 255 किमी दूर स्थित है। पर्यटक स्टेशन से औली के लिए कैब या बस कर सकते हैं।

हालांकि स्थानीय लोगों द्वारा सूर्यास्त तक औली पहुंचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि सूर्यास्त के बाद वहां सड़के बंद हो जाती हैं।

सड़क मार्ग द्वारा – उत्तराखंड राज्य के सभी मार्ग औली से जुड़े हुए हैं। ऐसे में पर्यटक राज्य के सभी प्रमुख स्थलों से पहुंचा जा सकता है।

हिल स्टेशन के लिए बस सेवाएं भी चलती हैं। जो कि रुद्रप्रयाग, जोशीमठ और अन्य प्रसिद्ध स्थलों से ली जा सकती हैं।

भारत का स्विट्जरलैंड कहे जाने वाले औली में पर्यटकों की यात्रा का अनुभव हमेशा उत्साह और रोमांच से भरा रहता है।

यदि आप गर्मी के मौसम में ठंडे इलाकों में घूमने का प्लान बनाने वाले हैं तो आपके लिए औली सर्वश्रेष्ठ जगह रहेगी।

देश व दुनिया का सबसे बेहतरीन आइस स्कीइंग का केंद्र औली वास्तव में प्रकृति की विशेष देन है। जहां प्रकृति प्रेमियों को अवश्य घूमने जाना चाहिए।

आशा करते है आपको यह ज्ञानवर्धक जानकारी अवश्य पसंद आई होगी। ऐसी ही अन्य धार्मिक और सनातन संस्कृति से जुड़ी पौराणिक कथाएं पढ़ने के लिए हमें फॉलो करना ना भूलें।

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