जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क- प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांच से भरा एक अद्भुत अनुभव

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Jim corbett national park

उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत का सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यान है। साथ ही ये हिमालय पर्वतमाला की तलहटी में निर्मित है।

आपको बता दें कि जिम कॉर्बेट को खासकर लुप्तप्राय बंगाल टाइगर के संरक्षण के लिए जाना जाता है। वहीं इस जगह आपको तरह-तरह की वनस्पतियां और जीव- जंतु देखने को मिलेंगे।

दरअसल ये भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान माना जाता है, जिसकी स्थापना 1936 में की गई थी। उस वक्त इसे हेली नेशनल पार्क के नाम से जाना जाता था। साथ ही आपको बता दें कि ये ऐसा पहला स्थान था जहां 1973 में “प्रोजेक्ट टाइगर” को शुरु किया गया था।

वहीं अगर आप प्रकृति की सुंदरता और समृद्धि वन जीवन के साक्षी बनना चाहते हैं तो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क आपके लिए ही है। यहां आपको प्राकृतिक सौंदर्य को करीब से देखने का अवसर मिलता है।

यही नहीं जिम कॉर्बेट अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और विविध वन्य जीवन की प्रचुरता के कारण ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

जिम कॉर्बेट का इतिहास

  • भारत देश का सबसे प्राचीन राष्ट्रीय उद्यान होने के कारण जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क एक अद्भुत इतिहास स्वयं में समाय हुए है।

  • दरअसल एडवर्ड जेम्स रैबिट का जन्म 25 जुलाई 1875 में उत्तराखंड के नैनीताल जिले में हुआ। वही जब जिम कॉर्बेट करीब 4 साल के थे तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई इसके पश्चात उन्होंने अपना अधिकतर समय आसपास के जंगल खोज में बिताया।

  • आपको बता दें कि जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना जिम कॉर्बेट ने ही हेली नेशनल पार्क के रूप में की थी।

  •  वहीं देश की आजादी के पश्चात इस पार्क के नाम को बदलकर रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान कर दिया गया। फिर साल 1957 में इस उद्यान का नाम बदलकर जिम कॉर्बेट रख दिया गया।

  •  जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क बड़ी संख्या में बाघ होने के लिए ही मशहूर है। वही इस राष्ट्रीय उद्यान में आप बाघ हाथी तेंदुए भालू और सियार सहित कई जानवर पार्क में घूमते हुए देख सकते हैं।

  • इस नेशनल पार्क में फ्लाइंग फॉक्स, कांटेदार जंगली चूहा और पक्षियों की लगभग 600 विभिन्न अलग-अलग प्रजातियां मौजूद है। साथ ही यहां आपको भारतीय पैंगोलिन भी देखने को मिलता है। 

  •  आपको बता दें 521 वर्ग किलोमीटर में फैले जिम कॉर्बेट में करीब पेड़ों की 600 प्रजातियां पाई जाती है। यहां पर घास के मैदान झाड़ियों और बात से लेकर कई तरह की पर्वतारोही पेड़ भी मौजूद हैं।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में जंगल सफारी:

पर्यटकों के लिए जिम कॉर्बेट में सबसे दिलचस्प गतिविधि है जंगल सफारी। वहीं सभी पर्यटक इस जंगल सफारी का आनंद पांच अलग-अलग क्षेत्रों में से किसी के भी द्वारा ले सकते हैं।

ये क्षेत्र हैं – झिरना, ढेला, बिजरानी, ढिकाला और दुर्गा देवी जोन। इनके माध्यम से आप आराम से जंगल सफारी का लुफ़्त उठा सकते हैं। वहीं आपको ये भी बता दें कि यहां तीन प्रकार की सफारी हैं- जीप सफारी, कैंटर सफारी और हाथी सफारी।

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जो लोग यहां घूमने आते हैं वो सभी इन सफारी का मजा ले सकते हैं। सफारी के माध्यम से ही पर्यटक यहां एक अद्भुत अनुभव प्राप्त कर सकते हैं और जंगल से गुजरते हुए हाथी, हिरण, तेंदुआ, मगरमछ जैसे कई जानवरों को भी देख सकते हैं।

बिजरानी सफरी जोन

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बिजरानी जोन सबसे अच्छी जीप सफारी प्रदान करता है। आपको बता दें कि जिम कॉर्बेट का ये सुंदर जोन खास तौर से अपने बड़े घास के मैदान, घने वन और नदी के लिए आकर्षण का केंद्र है।

यहां पर्यटक ना केवल बाघ को बल्कि और भी कई प्रकार के जानवर जैसे हाथी, काले भालू और सांभर को देखने भी आते हैं।

ढिकाला जोन

ये खास जगह अपनी प्राकृतिक और मनमोहक खूबसूरती के साथ-साथ विदेशी जीवो के लिए भी जानी जाती है। आपको बता दें कि ढिकाला जोन सबसे बड़ी जगह है जिसमें एक सुंदर मैदान और प्रकृति के अद्भुत दृश्य शामिल है। इस क्षेत्र में भी आपको कई जानवर देखने मिलेंगे जैसे जंगली सूअर, जंगली हाथी, हॉग हिरण और भौंकने वाले हिरण।

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झिरना जोन

जिम कॉर्बेट का यह क्षेत्र पार के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। यहां कई घने और जंगली घास के मैदान है। साथ ही आपको बता दें कि ये जोन पर्यटकों के लिए दिनभर खुला रहता है, इसलिए यहां आने वालों की संख्या भी अधिक होती है। इस जोन में बाघ और जंगली भालू आकर्षण का मुख्य केंद्र है।

ढेला जोन

जिम कार्बेट नेशनल पार्क का ढेला जोन अपने वनस्पतियों और वन्य जीवो के कारण पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर खींचता है। इस जोन में मिश्रित टोपोलॉजी भी है जिसमें घने जंगल और पेड़ है। साथ ही इसमें बहेरा, हल्दु, रोहिणी और कुसुम आदि पेड़ पाए जाते हैं। ये जगह पक्षियों के के लिए सबसे अच्छी है।

दुर्गा देवी जोन

जिम कॉर्बेट की ये जोन उत्तरपूर्वी हिस्से में स्थित है जो पार्क की सबसे सुंदर जगह है। आपको बता दें ये जोन पहाड़ियों पर है जिसके कारण ये वन्य जीवन के साथ ही प्रकृति के भी अद्भुत दृश्य को दर्शाता है।

इस जोन में जो वनस्पतियों की प्रमुख प्रजातियां हैं उनमें शीशम, ढाक, खैर और सिसू शामिल है।वहीं दुर्गा देवी जॉन हर वर्ष 15 अक्टूबर से 15 जून तक पर्यटन के लिए खुला रहता है।

जिम कॉर्बेट घूमने के लिए सबसे सही समय

वैसे तो आप साल में किसी भी समय जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क घूमने जा सकते हैं लेकिन जिम कॉर्बेट घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से फरवरी महीने तक का ही माना जाता है। इसके पीछे कारण यह है किन महीनों में यहां का तापमान सुखद है और घूमने के हिसाब से अच्छा रहता है।

जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान पहुंचने के मार्ग

  • हवाई मार्ग से पहुंचने के लिए पंतनगर हवाई अड्डा सबसे पास है जो जिम कॉर्बेट से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वही आपको बता दें की पंतनगर एयरपोर्ट से जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के लिए आसानी से टैक्सी मिल जाती है।

  • अगर आप रेल मार्ग से जिम कॉर्बेट जाना चाहते हैं तो रामनगर रेलवे स्टेशन दिल्ली मुरादाबाद और बरेली जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है। यही नहीं दिल्ली से तो रामनगर के लिए सीधी ट्रेन चलती है।

  •  उत्तरी भारत के प्रमुख पर्यटन स्थल होने के कारण जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान सड़कों से जुड़ा हुआ है। आपको बता दें उत्तराखंड के प्रमुख नगरों से जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के लिए आपको आसानी से टैक्सी मिल जाएगी।

    वहीं दिल्ली से रामनगर तक के लिए निजी बस सेवा भी है जिससे आपके लिए सफ़र और भी आसान हो जायेगा।

तो अगर आप वाइल्ड लाइफ को नजदीक से देखना और महसूस करना चाहते हैं तो जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क आपको ये अवसर भरपूर देता है।

साथ ही प्रकृति के ऐसे मनोरम और अद्भुत दृश्य जिम कॉर्बेट के अलावा शायद ही आपको कहीं और देखने मिलेंगे। यही कारण है की उत्तराखंड में स्थित जिम कॉर्बेट सालों से आज भी पर्यटकों को आकर्षित करता रहा है।

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indiamart

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